Shodashi - An Overview
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Tripura Sundari's form is not simply a visual illustration but a map to spiritual enlightenment, guiding devotees by way of symbols to understand deeper cosmic truths.
श्री-चक्रं शरणं व्रजामि सततं सर्वेष्ट-सिद्धि-प्रदम् ॥९॥
काञ्चीवासमनोरम्यां काञ्चीदामविभूषिताम् ।
The Chandi Path, an integral Component of worship and spiritual follow, In particular in the course of Navaratri, is not really simply a textual content but a journey in itself. Its recitation is a powerful Device from the seeker's arsenal, aiding within the navigation from ignorance to enlightenment.
पद्मरागनिभां वन्दे देवी त्रिपुरसुन्दरीम् ॥४॥
श्री-चक्रं शरणं व्रजामि सततं सर्वेष्ट-सिद्धि-प्रदम् ॥६॥
You should convey to me these kinds of yoga which might give salvation and paradise (Shodashi Mahavidya). You're the only real theologian who can provide me the complete awareness in this regard.
देवीभिर्हृदयादिभिश्च परितो विन्दुं सदाऽऽनन्ददं
भगवान् शिव ने कहा — ‘कार्तिकेय। तुमने एक अत्यन्त रहस्य का प्रश्न पूछा है Shodashi और मैं प्रेम वश तुम्हें यह अवश्य ही बताऊंगा। जो सत् रज एवं तम, भूत-प्रेत, मनुष्य, प्राणी हैं, वे सब इस प्रकृति से उत्पन्न हुए हैं। वही पराशक्ति “महात्रिपुर सुन्दरी” है, वही सारे चराचर संसार को उत्पन्न करती है, पालती है और नाश करती है, वही शक्ति इच्छा ज्ञान, क्रिया शक्ति और ब्रह्मा, विष्णु, शिव रूप वाली है, वही त्रिशक्ति के रूप में सृष्टि, स्थिति और विनाशिनी है, ब्रह्मा रूप में वह इस चराचर जगत की सृष्टि करती है।
लब्ध-प्रोज्ज्वल-यौवनाभिरभितोऽनङ्ग-प्रसूनादिभिः
लक्ष्या या पुण्यजालैर्गुरुवरचरणाम्भोजसेवाविशेषाद्-
कालहृल्लोहलोल्लोहकलानाशनकारिणीम् ॥२॥
तिथि — किसी भी मास की अष्टमी, पूर्णिमा और नवमी का दिवस भी इसके लिए श्रेष्ठ कहा गया है जो व्यक्ति इन दिनों में भी इस साधना को सम्पन्न नहीं कर सके, वह व्यक्ति किसी भी शुक्रवार को यह साधना सम्पन्न कर सकते है।
Shodashi also implies sixteen and also the perception is at the age of sixteen the Actual physical physique of a individual attains perfection. Deterioration sets in right after sixteen decades.